Universe in our Body
।। श्रीराधाकृष्ण चरणकमलेभ्यो नम: ।।
Humans and Universe: दुनियाभर के स्पेस साइंटिस्ट अंतरिक्ष के रहस्यों को समझने के लिए लगातार रिसर्च कर रहे हैं.
मानव शरीर ही दिखा देता है ब्रह्मांड का नक्शा। दिमाग के न्यूरॉन को जब आप किसी माइक्रोस्कोप के नीचे रखकर देखेंगे तो इसमें आपको एक जाल की तरह की संरचना दिखाई देगी. जब आप इसे ब्रह्मांड की संरचना से मिलाएंगे तो यह आकाशगंगाओं के फैले हुए जाल की तरह ही नजर आते हैं.
आप सबने DNA के बारे में जरूर पढ़ा या सुना होगा. जब आप DNA की डबल हैलिकल संरचना देखेंगे तब यह आपको स्पेस के डबल हैलिकल नेबुला की तरह दिखाई देगा. आपको बता दें कि DNA की खोज का श्रेय जेम्स वॉटसन और फ्रान्सिस क्रिक को जाता है.
बायोलॉजी के छात्र सेल डिविजन शब्द से अच्छी तरह से परिचित होंगे. आपको बता दें कि सेल डिविजन से किसी नए सेल यानी कोशिका का जन्म होता है. अगर ब्रह्मांड की संरचना से इसका मेल कराना हो तो यह किसी मरते हुए तारे की तरह लगती है. जन्म और मौत की घटना एक तरह से ही दिख रही है.
आंखे हमारे शरीर की कोमल और जरूरी अंगों में से एक हैं. इसकी वजह से हम दुनिया को देख पाते हैं. इसे पांच ज्ञान इंद्रियों में शामिल किया गया है. आपको बता दें की आंखों की रेटिना और स्पेस में मौजूद हेलिक्स नेबुला देखने में एक जैसी नजर आते हैं.
जब आप किसी की आंखों को गौर से देखेंगे तब आपको कुछ महीन नसें नजर आएंगी. इन नसों को आप्टिकल नर्व के नाम से भी जाना जाता है. आपको बता दें कि आप्टिकल नर्व आसमान से गिरती हुई किसी बिजली की तरह दिखाई देते हैं. आप इन सभी को एक संगोय मान सकते हैं लेकिन ऐसा ही है.
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।।श्रीराधाकृष्ण विजयतेतराम।।