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।। श्रीराधाकृष्ण चरणकमलेभ्यो नम: ।।


शुरू करें गोबर से कागज बनाने का बिजनेस 

आयुर्वेद में गाय का गोबर (Cow Dung) का बहुत महत्व है. गाय का गोबर कई चीजों को बनाने के काम आता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि गाय के गोबर से आप अच्छी कमाई (Earn From Cow Dung) कर सकते हैं. आज हम आपको बता रहे हैं कि गाय के गोबर से आप कैसे कमाई कर सकते हैं. आप गाय के गोबर से कागज बनाने का कारोबार शुरू कर सकते हैं. सरकार ने गोबर से कागज बनाने का सफल प्रयोग कर लिया है. एमएसएमई मंत्रालय के तहत देश भर में इस प्रकार के प्लांट लगाने की योजना तैयार की जा रही है. कागज बनाने के लिए गोबर के साथ कागज के चिथड़े का इस्तेमाल किया जाता है.

नेशनल हैंडमेड पेपर इंस्टीट्यूट में गाय के गोबर से पेपर बनाने की विधि इजाद की गई है. गाय के गोबर से हैंडमेड पेपर तैयार किया जा रहा है. इस पेपर की क्‍वालिटी बहुत अच्‍छी है. इससे कैरी बैग भी तैयार किया जा रहा है. जैसा की प्‍लास्‍टिक बैग बैन हो रहे हैं, ऐसे में पेपर के कैरी बैग अच्‍छा विकल्‍प हैं.

इस योजना से जुड़ने के बाद लोग गोबर से पेपर बनाने के प्‍लांट के लिए लोन और सब्सिडी पा सकेंगे. 5 लाख से लेकर 25 लाख तक में प्‍लांट लगाए जा सकते हैं. ये हैंडमेड पेपर हैं तो इससे हर प्‍लांट में कुछ लोगों को रोजगार भी मिलेगा. अगर 15 लाख में कोई प्‍लांट लगाता है तो इसमें 10 से 12 लोगों को रोजगार मिल सकता है.

वेजिटेबल डाई बनाने का काम आता है गोबर-गोबर से कागज बनाने के साथ वेजिटेबल डाई बनाने का भी काम किया जा सकता है. गोबर में से कागज बनाने लायक सिर्फ 7 फीसदी मैटेरियल निकलते हैं. बाकी के 93 फीसदी का इस्तेमाल वेजिटेबल डाई बनाने में यूज किया जा सकता है. ये वेजिटेबल डाई पर्यावरण के अनुकूल होते हैं. इसका निर्यात भी किया जा सकता है.

5 रुपये किलो में खरीद सकेंगे गोबर- इस स्कीम से किसानों की आय बढ़ाई जा सकती है. कागज और विजिटेबल डाई बनाने के लिए सरकार 5 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से किसानों से गोबर खरीदना होगा. एक जानवर एक दिन में 8-10 किलोग्राम गोबर मिल सकता है. ऐसे में, किसानों को अपनी मवेशियों से रोजाना कम से कम 50 रुपये तक की अतिरिक्त कमाई हो सकती है.

कितने में लगेगा प्लांट- इस प्रकार के प्लांट लगाने के लिए सरकार की तरफ से कर्ज मुहैया कराया जा रहा है. गोबर से कागज बनाने वाले प्लांट लगाने में 15 लाख रुपये खर्च होंगे. एक प्लांट से एक माह में 1 लाख कागज के बैग बनाए जा सकते हैं.

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जैविक खाद बनाने का भरोसेमंद एवं सस्ता विकल्प है ‘प्रोम’ (PROM) 

क्या आप जानते हैं फसल के उत्पादन में फॉस्फेट तत्व का प्रमुख योगदान होता है! रासायनिक उर्वरकों के लगातार उपयोग करने से खेती की लागत भी बढ़ती जा रही है, जमीन सख्त हो रही है, भूमि में पानी सोखने की क्षमता घटती जा रही है। वहीं दूसरी तरफ भूमि तथा उपभोक्ताओं के स्वास्थ पर प्रतिकूल असर भी पड़ रहा है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए नया उत्पाद विकसित किया गया है, जिसमें कार्बनिक खाद के साथ-साथ रॉक फॉस्फेट की मौजूदगी भी होती है। जिसे हम प्रोम के नाम से जानते हैं।

‘प्रोम’ को विस्तार पूर्वक समझते हैं

प्रोम (फॉस्फोरस रिच आर्गेनिक मैन्योर) तकनीक से जैविक खाद घर पर भी तैयार की जा सकती है। प्रोम, जैविक खाद बनाने की एक नई तकनीक है। जैविक खाद बनाने के लिए गोबर तथा रॉक फॉस्फेट को प्रयोग में लाया जाता है। रॉक फॉस्फेट की मदद से रासायनिक क्रिया करके सिंगल सुपर फॉस्फेट (SSP) तथा डाई अमोनियम फॉस्फेट (DAP) रासायनिक उर्वरक तैयार किए जाते हैं।

प्रोम में विभिन्न फॉस्फोरस युक्त कार्बनिक पदार्थों जैसे- गोबर खाद, फसल अपशिष्ट, चीनी मिल का प्रेस मड, जूस उद्योग का अपशिष्ट पदार्थ, विभिन्न प्रकार की खली और ऊन के कारखानों का अपशिष्ट पदार्थ आदि को रॉक फॉस्फेट के साथ कम्पोस्टिंग करके बनाया जाता है। प्रोम मिनरल उर्वरक एवं जैविक खाद का मिश्रण है जो केवल कृषि में उपयोग के लिये काम में लाया जाता है। प्रोम का उपयोग पौधों को फॉस्फोरस (फॉस्फोरस पादप पोषक तत्व) उर्वरक प्रदान करने के लिए किया जाता है। जीवाणु राॅक फोसफोरस को पचा कर उसे गोबर में उपलब्ध करते हेै इस कारण प्रोम शुद्व रुप से जैविक है।

प्रोम से क्या-क्या फायदे हैं :

    जैविक खाद से अनाज, दालें, सब्जी व फलों की गुणवत्ता बढ़ाने से अच्छा स्वाद मिलता है।
    रोगों में रोधकता आने से मानव के स्वास्थ्य पर बुरे प्रभाव नहीं पड़ते हैं।
    प्रोम तकनीक से जैविक खाद बनाने की विधि बहुत ही सरल है।
    प्रत्येक किसान, जिसके यहां गोबर उपलब्ध है, आसानी से अपने घर पर जैविक खाद बनाकर तैयार कर सकता है।
    किसान DAP व SSP खरीदने पर जितने पैसा खर्च करता है उससे कम पैसे में प्रोम तकनीक से जैविक खाद बनाकर भरपूर फसल पैदा कर सकता है।
    प्रोम मिट्टी को नरम बनाने के साथ-साथ पोषक तत्वों की उपलब्धता लंबे समय तक बनाये रखता है।
    प्रोम लवणीय व क्षारिय भूमि में भी प्रभावी रूप में काम करता है जबकि DAP ऐसी भूमि मे काम नहीं करता है।

जैविक खाद को घर पर बनाने की प्रक्रिया :

‘फॉस्फोरस रिच जैविक खाद’ घर पर भी रॉक फॉस्फेट के द्वारा बनाई जा सकती है। रॉक फॉस्फेट के अलग-अलग रंग होते हैं, रॉक फॉस्फेट एक तरह का पत्थर है जिसके अंदर 22 फीसदी फॉस्फोरस मौजूद है जो कि फिक्स फोम में होता है। प्रोम बनाने के लिए कमर्शियल में 10 फीसदी के आसपास फॉस्फोरस मेंटेन किया जाता है लेकिन हम घर पर बनाने के लिए 18%,19% या 20 फीसदी तक फॉस्फोरस इस्तेमाल में ले सकते हैं। इसे बनाने के लिए किसी भी जानवर का गोबर ले सकते हैं, घर में मौजूद कूड़ा-कर्कट या फिर फसलों के अवशेष जिससे खाद बनाते हैं (प्लांट बेस्ड) वो भी ले सकते हैं।

प्रोम बनाने के लिए सबसे पहले गाय या भैंस का 500 किलो गोबर लीजिए, इसके ऊपर से सूखी पत्तियां डाल दीजिए, बाद में ऊपर से 500 किलो रॉक फॉस्फेट का (पाउडर फोम में) छिड़काव करें, फिर वेस्ट डी कंपोजर का छिड़काव करें और इसे कम से कम 30 से 35 दिनों तक ढ़ककर रखें, जिसके बाद जैविक खाद तैयार हो जाएगी।

प्रोम को DAP और SSP के पूरक के तौर पर किसान अपनी फसल के लिए खेत में प्रयोग कर सकते हैं और प्रोम खेत की उर्वरा शक्ति को बनाये रखते हैं। जिससे वह आने वाली नई पीढ़ी के किसानों को स्वस्थ भूमि प्रदान कर सकें।

वेस्ट डी कंपोजर क्या है ?

वेस्ट डी-कंपोजर जैविक खेती कर रहे किसानों के लिए जैविक खाद का बेहतर विकल्प है। कम खर्च में किसान इसकी मदद से स्वयं खाद बना सकते हैं। इसके उपयोग के बाद किसान को फसल में रासायनिक कीटनाशक और उर्वरक देने की जरूरत नहीं रहती है। खास बात है कि यह जड़ और तना संबंधी बीमारियों के नियंत्रण में उपयोगी पाया गया है।



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भारत में गोबर का इम्पोर्टेंस शुरू से रहा है.गांवों में तो गोबर का इस्तेमाल होता ही चला आ रहा है लेकिन आज कल शहरों में भी भी गोबर and Gobar Business में गोबर से बने प्रोडक्ट की मार्किट में बहुत डिमांड and स्कोप है .

1.गोबर के उपले (कंडे,Dung Cake) से Gobar Business शुरू करे

गोबर के उपले का आज हर जगह डिमांड है. किसी भी धार्मिक कार्य में उपले से आग जलाना शुभ माना जाता है .आप ये कंडे ,एक automatic machine से बना सकते है ,इस machine की कीमत 12 से 15 हज़ार हो सकती है या फिर आप लेबर से भी कंडे बनवा सकते है .

Amazon,Flipkart जैसी e-commerce वेबसाइट पर अपना सेलर अकाउंट बना कर आप आसानी से 12 कंडे बेचने पर 50 रु का शुद्ध मुनाफा कमा सकते है .

इस तरह से अगर आप Gobar Business में डेली 100 कंडे भी सेल होते है तो आप प्रति दिन 400 रु तक की कमाई कर सकते है .

2.गोबर की लकड़ी का बिज़नस

आज कल गोबर की लकड़ी का ,गोबर के कंडे की तुलना में जायदा इस्तेमाल हो रहा है .

दाह संस्कार ,हवन ,पूजा पाठ आदि जगह आज गोबर की लकड़ी की जयादा डिमांड है.

आप भी आसानी से 60 से 70 हज़ार में गोबर की लकड़ी बनाने की machine लाकर ,प्रति दिन Gobar Business में 3-4 रुपया हज़ार कमा सकते है .

3.गोबर का खाद का बिज़नस

पूरा भारत आज आर्गेनिक खेती की तरफ बड रहा है और हम गोबर की बिना ओर्गैन्क फार्मिंग की कल्पना भी नही कर सकते है .

आर्गेनिक खेती गोबर से आप बहुत ही कम पैसे खर्च कर आसानी से कर सकते है .

गोबर की खाद को आप आधा किलो से 5 किलो तक की पैकेजिंग करके मार्किट में बैंच सकते है .

गोबर का खाद आप ऑनलाइन अमेज़न and फ्लिपक्र्ट जैसी वेबसाइट पर बैंच भी सकते है .

आप गोबर खाद का बिज़नस अपने गाँव में रहकर भी शुरू कर सकते है ,क्योकि गाँव में आपको खाद बेंचने के लिए दूसरी जगह नही जाना पड़ेगा .

4.गोबर से पेपर बनाने का बिज़नस

भारत सरकार ने एक नयी प्रोजेक्ट रिपोर्ट्स बनायीं है, जिसके अनुसार आप 15 लाख का गोबर से बनने बाले पेपर का बिज़नस प्लांट खोलकर आप आसानी से लाखो महिना कमा सकते है .

भारत के प्रधानमंत्री ने भी गोबर के प्रोडक्ट बनाने के बिज़नस को बड़ाबा दिया है .इसलिए आगे चलकर गोबर के बिज़नस में काफी बड़ा जम्प आने बाला है . गोबर से पेपर बनाने के लिए भारत सरकार पुरे भारत में प्लांट खोलने के लिए सब्सिडी and लोन देगी .

5.गोबर की राख का बिज़नस

गोबर की राख को प्राचीन ज़माने में ब्रश करने and बर्तन साफ़ करने में इस्तेमाल होता था.

आज भी कई जगह इनका पुराने तरीके से ही स्तेमाल हो रहा है .

गोबर की राख का एक इस्तेमाल खेती में भी होता है ,जिसमे आप इसे खाद की तरह इस्तेमाल कर सकते है ,

इससे पौधों की ग्रोथ काफी ज्यादा होती है .


6.गोबर गमलो का बिज़नस

गोबर के गमले बनाकर भी आप बिज़नस शुरू कर सकते है ,गोबर के गमलो की आज कल मार्किट में बहुत डिमांड है :-

क्योकि एक तो गोबर के बने हुए गमलो में पौध की ग्रोथ अच्छी होती है और दूसरा गोबर के गमलो में मिटटी भरकर आप इसे कही पर भी गाड़ सकते है .

गोबर के गमले आप हाथ से भी बना सकते है या फिर आप चाहे तो गोबर गमले बनाने की machine भी आती है ,

जिससे आप बहुत ही कम समय में अधिक गमले बनाकर ,अच्छा खासा मुनाफा बड़ा सकते है .


7.गोबर की अगरबत्ती ,धूपबत्ती and मच्छर भागने की टिकिया बनाने का बिज़नस

 गोबर से बनने बाली अगरबत्ती की मार्किट में बहुत डिमांड है .गोबर की अगरबत्ती के साथ साथ गोबर की धूपबत्ती की भी बहुत मांग है क्योकि दोनों आज कल घर में लगायी जाती है जिससे मच्छर and दुसरे कीटाणु का घर में प्रवेश कम हो जाता है .

गोबर की अगरबत्ती आप उसी machine से बना सकते है जिस machine से ख्सुबू बाली अगरबत्ती बनती है .

8.गोबर की बनी मूर्तियों का व्यवसाय

राष्‍ट्रीय कामधेनु आयोग ने इस बार पर्यावरण की शुद्धी, मेक इन इंडिया, क्‍लीन इंडिया व ग्रीन इंडिया के अभियान के तहत इस गणेश चतुर्थी पर गोबर की बनी गुई मुर्तियो का इस्तेमाल होगा . सबसे अच्छी बात ये है गोबर की बनी हुई मुर्तियो से बातावरण को भी कोई हानि नही होती है .


 



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